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The novel touches upon themes of gender discrimination, dowry, and the struggles faced by Girls within a male-dominated Modern society. Premchand’s crafting is characterised by its deep comprehension of human character and also the socio-cultural backdrop of his time. As a result of Nirmala, he sheds light-weight about the injustices confronted by Women of all ages and raises essential questions on morality, social conventions, and the need for societal reform.
As we embark with a literary odyssey, we dig into your enchanting earth of Hindi fiction books, celebrating the brilliance of storytellers who definitely have crafted tales that transcend time and House. From your eloquence of Premchand’s poignant realism to the fashionable-working day Hindi poetry by Harivansh Rai Bachchan, Hindi literature has repeatedly evolved, charming viewers with its ability to mirror Culture and articulate the complexities of the human soul.
यह इंसान के शरीर में दिल के धड़कने और उसके जीवित रहे आने की कहानी है.
यह बच्चों के लिए एक दक्षिण भारतीय लोक कथा है
अपने दोनों हाथों में उठाकर आसमान में ले गई। उन्हें छोड़ दिया, वह धीरे-धीरे उड़ रही थी।
एक दिन चुनमुन ने बच्चों को उड़ना सिखाने के लिए कहा।
In really like with all items gradual and quiet, she will often be found hunting for silent corners by using a glass of wine in hand. Other enjoys include things like very little, inconsequential matters, like neatly tucked-in bedsheets and massive, important items, like full cheesecakes. She goals of being a baker and producing about food items sometime.
मुकेश जब भी स्कूल जाता उसे रास्ते में कूड़ेदान से होकर गुजरना पड़ता था।
धत्! कल हो गई. देखते नहीं. रेशमी बूटों वाला सालू...?"
शांति ने ऊब कर काग़ज़ के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उठकर अनमनी-सी कमरे में घूमने लगी। उसका मन स्वस्थ नहीं था, लिखते-लिखते उसका ध्यान बँट जाता था। केवल चार पंक्तियाँ वह लिखना चाहती थी; पर वह जो कुछ लिखना चाहती थी, उससे लिखा न जाता था। भावावेश में कुछ-का-कुछ उपेन्द्रनाथ अश्क
माँ को अपने बेटे, साहूकार को अपने देनदार और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था। भगवत-भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता। वह घोड़ा बड़ा सुंदर था, बड़ा बलवान। उसके जोड़ best hindi story का घोड़ा सारे सुदर्शन
किसी श्रीमान ज़मींदार के महल के पास एक ग़रीब अनाथ विधवा की झोंपड़ी थी। ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई, विधवा से बहुतेरा कहा कि अपनी झोंपड़ी हटा ले, पर वह तो कई ज़माने से वहीं बसी थी; उसका प्रिय पति और इकलौता पुत्र माधवराव सप्रे
"यह बात नहीं कि उनकी जीभ चलती नहीं, पर मीठी छुरी की तरह महीन मार करती हुई. यदि कोई बुढ़िया बार-बार चितौनी देने पर भी लीक से नहीं हटती, तो उनकी बचनावली के ये नमूने हैं हट जा – जीणे जोगिए; हट जा करमाँवालिए; हट जा पुत्ताँ प्यारिए; बच जा लंबीवालिए.
एक दिन मृगनैनी अपने मां के साथ घूम रही थी, तभी दो गीदड़ आ गए।